30545 views 83% | |
Summary
|
%
|
---|
बदायूँ – बदायूं का ए आर टी ओ ऑफिस दलाली का अड्डा बन चुका है, यहाँ बाबुओं से ज्यादा ऑफिस के अन्दर दलालों का बोलबाला रहता है । यह कहना गलत नहीं होगा कि ये सब ए आर टी ओ की मिलीभगत से चल रहा है और अगर ऐसा नहीं तो ये सब इन अधिकारीयों के नाक के नीचे हो रहा है तो अधिकारी अनजान बन आँख बंद क्यों करे हुए है ।
बदायूँ जनपद में ए.आर.टी.ओ ऑफिस की हालत जस की तस बनी हुई है, सरकार जितना चाहे भ्रष्टाचारियों पर लगाम कसने की कोशिश करे, लेकिन विभागीय अधिकारी व कर्मचारी सरकार की पारदर्शिता नीति को ठेंगा दिखाते नजर आ रहे है । जी हां बदायूँ ए आर टी ओ ऑफिस अभी भी पुराने ढर्रे पर ही चल रहा है सरकार ने पारदर्शिता लाने के लिए परिवहन विभाग को ऑनलाइन किया जिससे जनता को दलालों से लुटने से बचाया जा सके। लेकिन ए आर टी ओ की शिथिलता के चलते आज भी हालत जस की तस बनी हुई है । अब दलाल भी कुछ हाईटेक हो गये है ए आर टी ओ ऑफिस के पास और अन्दर ही ही रहते है वह ड्रायविंग लाइसेंस के आवेदकों को अपने झांसे में लेकर मोटी रकम लेते है और कार्यालय के बाबुओं की मिलीभगत से लाइसेंस बनवा देते है । पिछले कुछ दिनों पहले जिला अधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने ए आर टी ओ कार्यालय में छापा मारा तो वहां तमाम दलाल कार्यालय से भाग गये और वहां कराया के बाहर जेसीबी चलवाकर दलालों द्वारा किये गये अतिक्रमण को भी हटवाया था। लेकिन वहां दलालों ने अब कार्यालय के अन्दर ही कुछ लड़कों को बिठा दिया जो वहां से ही काम के अनुसार लोगो से रेट फिक्स करके बाबुओं से काम करा देते है. जिसे देखकर लगता है कि कार्यालय को ए आर टी ओ के बजाय दलाल चला रहे है .
साहब केवल आपको केवल काम बताना है …हर काम के अलग -अलग रेट फिक्स है …चाहे आपको ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हो या फिर किसी गाडी का फिटनेस करवाना हो …ये दलाल आपके कैसे भी काम कराएँगे …क्यूंकि इन्होने अपने आकाओं से जो रेट फिक्स कर रखा है …जल्दी काम करने का भी रेट फिक्स है ।
यहाँ के ए आर टी ओ ऑफिस को देखकर यही लगता है की इन्हें डीएम का खौफ नहीं है, कई बार कार्यवाही होने के बाद भी ये दलाल यहाँ से नहीं हटाते है अब ऐसे में सवाल उठता है यहाँ कभी इन पर कार्यवाही होगी या फिर ये ए आर टी ओ से रेट फिक्स कर अपना धन्धा चलाते रहेंगे या फिर इन पर कभी कार्यवाही होगी ।