बदायूं जनपद में नर्सिंग होम और अस्पतालों का जाल धीरे-धीरे फैलता जा रहा है यह नर्सिंग होम मानकों को दरकिनार करके चलाए जा रहे हैं … आम जनता का यहां पर शोषण किया जाता है स्वास्थ्य विभाग की सांठ गाँठ से ये संचालित हो रहे है इनमें से कई नर्सिंग होम के पास ना तो पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था है और न ही अग्निशमन के ही व्यापक इंतजाम है… बदायूं जनपद में शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में कई नर्सिंग होम ऐसे संचालित हो रहे हैं जो मानकों को दरकिनार करके स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से सांठ गांठ द्वारा चलाए जा रहे हैं…
इन नर्सिंग होम में ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों की तमाम बीमारियों का इलाज उन डॉक्टरों द्वारा किया जाता है जिनके पास किसी तरह का कोई स्पेशलाइजेशन नहीं होता, और तो और नर्सिंग होम के पास मरीज के तीमारदारों की गाड़ियां और मोटरसाइकिल इत्यादि खड़े करने की न तो कोई पार्किंग की व्यवस्था होती है इसके अलावा नर्सिंग होम में अग्निशमन के व्यापक इंतजाम भी नहीं है … यह नर्सिंग होम सभी मानकों को दरकिनार करके लगातार संचालित किया जा रहे हैं…
जिले के जिम्मेदार अधिकारी इस पर आंख मूंदे हुए हैं, नर्सिंग होम के पास पार्किंग न होने की वजह से वहां आने वाले लोगों के वाहन रोड किनारे इधर उधर खड़े रहते हैं… जिससे यातायात की व्यवस्था भी उन इलाकों में डगमगा जाती है,वहीं दूसरी तरफ अग्निशमन के इंतजाम ना होने से मरीजों को भी खतरा बना रहता है… स्वास्थ्य विभाग की साँठ गांठ के चलते सैकड़ों अस्पताल और क्लिनिक बिना अग्निशमन एनओसी और बिना पार्किंग के संचालित हो रहे हैं.. पार्किंग की समस्या के चलते सड़कों पर लंबे जाम की समस्या से आम जनमानस को भी जूझना पड़ता है.. वहीं बात शहर की करी जाए तो CMO कार्यालय से लगभग 300 मीटर दूरी पर साईं हॉस्पिटल के नाम से संचालित होने वाले अस्पताल मे होटल भी संचालित हो रहा है जिसकी बिल्डिंग मानक के अनुसार नहीं है और न ही अग्निशमन विभाग द्वारा होटल और अस्पताल की एनओसी ली गई है.. जिसमे स्वास्थ्य विभाग की मिलभगत के चलते संचालक धड़ल्ले से होटल और हॉस्पिटल का संचालन कर रहा है..शहर के बीचो बीच बने इस अस्पताल कभी भी आग लगने से काफी जानमाल का खतरा हो सकता है .. वहीं बिसौली के माहेश्वरी हॉस्पिटल में भी तमाम विवाद के बाद आज तक अग्नि शमन विभाग से एनओसी नहीं है, जिसको लेकर 1 वर्ष पूर्व स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालन पर रोक लगाने को कहा गया था लेकिन इसके बावजूद हॉस्पिटल का संचालन किया जा रहा है।
इसके अलावा शहर के मुख्य चौराहे के निकट नैना आई केयर, रामायनी हॉस्पिटल, गुप्ता मेटरनिटी नर्सिंग होम और रामा हॉस्पिटल जिनके पास पार्किंग की जगह तक नहीं है जिसके चलते आम जनमानस को जाम की समस्या झेलनी पड़ती है ..ऐसे बिना मानक के चल रहे अस्पतालों मे मरीजों के स्वास्थ्य और जान से खिलवाड़ किया जाता है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की आर्थिक साँठ गांठ के चलते इन पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है.. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस तरह खुले नर्सिंग होम की अव्यवस्थाओं पर क्या कार्यवाही की जाएगी