बदायूं। शहर व ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य सड़क मार्गों पर जमकर अवैध कालोनियों का निर्माण हो रहा है । कॉलोनियों को बसाने के लिए न तो प्रशासन से अनुमति ली जा रही है और न ही अन्य खानापूर्तियों को पूरा किया जा रहा है। खास बात यह है कि कुछ स्थानों पर प्लाटिंग कर रहे लोगों को प्रशासन ने एक साल पहले नोटिस जारी तो किए थे लेकिन अभी तक ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है। यही वजह है कि प्रोपर्टी डीलर बेधड़क कृषि भूमि पर प्लॉट काट रहे हैं।
बदायूं शहर के निकट दातागंज रोड स्थित रिगालिया इंफ्रास्ट्रक्चर कम्पनी ने लोगों से एक अच्छी कॉलोनी में पार्क, सड़कें और बिजली कनेक्शन के साथ गुणवत्तापूर्ण घर बनाकर देने का वायदा कर उनके साथ धोखाधड़ी की है ऐसा कॉलोनी वासियों का कहना है, कॉलोनी वासियों का कहना है कि 2 साल से उन्हें बिना बिजली कनेक्शन के यहां रहना पड़ रहा है वह जनरेटर और सोलर पर वहां गुजारा कर रहे हैं बिल्डर से कहने पर वह दबंगई दिखाकर और धमका कर उन्हें अधिकारियों से शिकायत करने से रोक देता है।
कॉलोनी वासियों का कहना है कि कंपनी द्वारा 2019 में उन्हें पजेशन देने का वायदा किया गया था लेकिन 2021 में भी उनके घर का निर्माण कार्य आधा अधूरा था और निर्माण के दौरान घटिया सामग्री का प्रयोग किए जाने पर उन्होंने जब आपत्ति जताई तो बिल्डर ने दबंगई के बल पर उन्हें शांत कर दिया जिसके बाद उन लोगों ने अपना पैसा लगाकर निर्माण कार्य पूरा किया। कॉलोनी वासियों का कहना है की वायदे के मुताबिक न ही उन्हें अच्छे घर मिल सके और न ही अभी तक बिजली कनेक्शन मिल पाया है जिसके चलते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है रिगलिया इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी द्वारा कहा गया था कि कॉलोनी बीडीए अप्रूव्ड है जिस के झांसे में आकर लोगों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी और अब वह लोग अपने आपको कंपनी द्वारा ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं
जिला प्रशासन की अनदेखी से लुट रही है गाढ़ी कमाई
बदायूं शहर सीमा के चारों ओर कृषि भूमि है। पुस्तैनी जमीन बंटवारे में मिलने के बाद उनके बारिसों द्वारा सस्ते दरों में प्रोपर्टी डीलर को थोक में जमीन बेची जाती है। इसके बाद प्रोपर्टी डीलर प्लॉटिंग कर कालोनी बसाने का काम शुरू कर देते हैं। वर्तमान में दातागंज रोड, माझिया रोड, बरेली रोड और उसावां रोड पर जमकर कालोनी कट रही हैं। प्रोपर्टी डीलर कालोनी काटने के लिए न तो डायवर्सन कराते हैं और न ही अन्य किसी प्रकार की शासकीय खानापूर्ति करते हैं। बेरोक टोक होते रहे इस व्यापार में जमकर शासन को राजस्व की क्षति पहुंचाई जा रही है।
प्रशासन ने दिए नोटिस, कार्रवाई नहीं
नगर के चारों ओर अवैध कालोनी काटने वाले प्रोपर्टी डीलर को नगरीय क्षेत्र में अनुज्ञप्ति का निर्वंधन अधिनियम की धारा 15 के तहत नोटिस जारी किए थे। प्रशासन की यह कार्रवाई नोटिस जारी करने तक ही सीमित रह गई। आगे की कार्रवाई नहीं हुई।
वैध कॉलोनी निर्माण का यह है नियम
वैध कालोनी निर्माण के लिए कॉलोनाइजर के रूप में पंजीकरण होना आवश्यक है। साथ ही शहरी भूमि सीमा अधिनियम के तहत अनापत्ति उत्तरप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम के तहत अनापत्ति, संबंधित तहसीलदार अथवा नजूल अधिकारी से अनापत्ति, उत्तर प्रदेश भू राजस्व संहिता के तहत अनुविभागीय अधिकारी से अनापत्ति तथा भूखंड क्षेत्र की सीमांकन रिपोर्ट आवश्यक है। सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों को पूरा न किए जाने पर अवैध कालोनी निर्माण अधिनियम 1982 की धारा 24 (3) और भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम की धारा 27 व 28 के तहत अपराध है।
सजा का है प्रावधान
अवैध कालोनी का निर्माण करने वाले कॉलोनाइजर को तीन से सात वर्ष का कारावास तथा दस हजार रुपए का जुर्माना किए जाने का प्रावधान है। जबकि कालोनियों के निर्माण के लिए अवैध डायवर्सन के संबंध में राजस्व संहिता में परिवर्तन कर अब दो हजार रुपए जुर्माने के स्थान पर भूमि के बाजार मूल्य का 20 प्रतिशत जुर्माना कॉलोनाइजर से वसूलने का प्रावधान है।